भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में रूस की भूमिका
1905 की पहली रूसी क्रान्ति ने भारतीय क्रान्तिकारियों के सपनों को पंख लगा दिए थे। महात्मा गाँधी पहली रूसी क्रान्ति को ’वर्तमान सदी की महानतम घटना’ और ’भारतीयों के लिए एक बड़े पाठ’ के रूप में देखते थे। गाँधीजी ने कहा था कि भारत भी ’निरंकुश शासन के विरुद्ध रूस के इस प्रतिरोध’ को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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