Мы в Telegram
Добавить новость
World News in Hindi
Новости сегодня

Новости от TheMoneytizer

मोसुल अभी दूर है : आतंकवादियों से इस इराकी शहर की मुक्ति बेहद मुश्किल


क्या अमरीकी नेतृत्व में बना गठबंधन ’इस्लामी राज्य’ से मोसुल को आजाद करा पाएगा?

इराक के प्रधानमन्त्री हैदर अल-अबदी ने विगत 17 अक्तूबर को मोसुल महानगर को आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (इरा) से आज़ाद कराने की घोषणा की थी, जो जून-2014 से ’इरा’ के कब्ज़े में है। विभिन्न आकलनों के अनुसार, मोसुल में आज भी 7 लाख से लेकर 15 लाख तक आम लोग रह रहे हैं और क़रीब 5 से 10 हज़ार तक आतंकवादी भी मोसुल में बने हुए हैं। मोसुल पर किए जा रहे इस हमले में 60 हज़ार सैनिक भाग ले रहे हैं, जिनमें इराकी सेना के सैनिकों के अलावा सुन्नी और शिया जनसेनाओं के सैनिक और कुर्दी जनसेना ’पेशमेर्गा’ के जनसैनिक भी शामिल हैं। अमरीका के नेतृत्व में गठबन्धन सेना के विमान मोसुल पर लगातार बमबारी कर रहे हैं।

मोसुल पर हमला करने का ऐलान करते हुए इराक के प्रधानमन्त्री हैदर अल-अबदी ने कहा – हमारी महान् विजय का पल पास आ गया है। लेकिन सैन्य-कार्रवाई शुरू होने के एक सप्ताह बाद अब यह साफ़-साफ़ दिखाई देने लगा है कि मोसुल को जीतना आसान नहीं है। सैन्य-कार्रवाई शुरू होते ही हैदर अल-अबदी और तुर्की के राष्ट्रपति रजेप तैयप एरदोगान के बीच इस सवाल पर नोंक-झोंक शुरू हो गई कि तुर्की की सेना मोसुल पर की जा रही इस सैन्य-कार्रवाई में हिस्सा लेगी या नहीं। इसके अलावा ’इरा’ के आतंकवादी दस्तों ने मोसुल के आसपास बसे उन शहरों पर हमले शुरू कर दिए, जो आतंकवादियों से पहले ही आज़ाद करा लिए गए थे। अमरीका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका और उसके सहयोगियों द्वारा मोसुल पर किए जा रहे इस हमले को ’ एक बड़ी मुसीबत’ बताया है।

क्या उत्तरी ध्रुव पर कब्ज़े के सवाल पर युद्ध हो सकता है?

लड़ाई कौन करेगा?

रूसी सैन्य विशेषज्ञ और सोवियत संघ से अलग होने के बाद बने देशों का अध्ययन करने वाले संस्थान के उपनिदेशक व्लदीमिर येव्सेयेफ़ का मानना है कि सिर्फ़ भारी सेना होने से ही कोई लड़ाई नहीं जीती जा सकती है। उन्होंने कहा – कुर्द जनसेना मोसुल पर हमला नहीं करेगी। कुर्दों ने मोसुल के आसपास की उन बस्तियों पर कब्ज़ा कर लिया है, जहाँ कुर्द जाति के लोग रहते हैं, बस, कुर्द जनसेना इससे आगे नहीं बढ़ेगी। अल-अबदी की शिया जनसेना को मोसुल में इसलिए घुसने नहीं दिया जाएगा ताकि मोसुल में साम्प्रदायिक दंगा न हो जाए। और तुर्की की सेना जो ख़ूब अच्छी तरह से लड़ने के लिए तैयार है, इसलिए मोसुल पर हमला नहीं करेगी ताकि अपने सैनिकों को बलि का बकरा न बनाया जाए।

व्लदीमिर येव्सेयेफ़ ने कहा – अब सिर्फ़ इराकी सेना ही बाक़ी बचती है, जिसके बहुत से सैनिक अपनी जान बचाकर भाग गए हैं और सेना में भारी भ्रष्टाचार भी फैला हुआ है। इस तरह पूर्व घोषित 60 हज़ार सैनिकों में से बस, 30 हज़ार या उससे भी कम सैनिक ही बाक़ी हैं। शहर के भीतर अच्छी तरह से तैयारी किए बिना घुसना ख़तरे से ख़ाली नहीं होगा क्योंकि आतंकवादियों ने पहले ही शहर में अच्छी तरह से लड़ाई की तैयारी कर ली होगी। इसके अलावा मोसुल पश्चिमी दिशा से घिरा हुआ नहीं है। इसलिए पश्चिम की तरफ़ से आतंकवादियों को लगातार रसद और कुमुक मिल सकती है। अमरीका चाहता था कि 8 नवम्बर से पहले-पहले यानी अमरीका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू होने से पहले मोसुल पर कब्ज़ा कर लिया जाए, लेकिन ऐसा करना किसी भी हालत में सम्भव नहीं होगा।  

रूस के हायर स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के राजनीति विभाग के प्रोफ़ेसर और अरब देशों सम्बन्धी विशेषज्ञ लिआनीद इसाएफ़ का भी मानना है कि यह लड़ाई बड़ी लम्बी खिंचेगी। मोसुल सूबे के लिए, मोसुल के उपनगरों के लिए और फिर ख़ुद मोसुल शहर के लिए और इसके बाद मोसुल के एक-एक मौहल्ले के लिए आतंकवादी दस्तों से लड़ना होगा। प्रोफ़ेसर लिआनीद इसाएफ़ का कहना है कि मोसुल के लिए लड़ाई बहुत लम्बे समय तक चलेगी और इसमें बड़ी भारी संख्या में आदमी मारे जाएँगे।

सुन्नी बनाम शिया

विशेषज्ञों का कहना है कि मोसुल में आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (इरा) पर जीत हासिल होने के बाद भी इराक में शान्ति स्थापित नहीं होगी। इस बात की पूरी-पूरी सम्भावना है कि इसके बाद इराक में साम्प्रदायिक या जातिवादी झगड़े शुरू हो जाएँगे। प्रोफ़ेसर लिआनीद इसाएफ़ ने याद दिलाया कि पिछले दो सालों में अक्सर ऐसा हुआ है, जब शिया जनसेना ने सुन्नी गाँवों को आतंकवादियों के कब्ज़े से मुक्त कराकर उन गाँचों के सुन्नी निवासियों का इसलिए क़त्लेआम किया क्योंकि उन्होंने आतंकवादियों की सहायता की थी। कुर्दों के अपने हित हैं। वे आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (इरा) से इराकी इलाकों को आज़ाद कराकर वहाँ बसे अरब गाँवों से अरब मूल की जनता को भगा देते हैं और उन गाँवों में कुर्द शरणार्थियों को बसा देते हैं। इस तरह वे अपने कुर्द इलाके का विस्तार कर रहे हैं।

बजट की कमी के बावजूद भारत रूस से एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा व्यवस्था ख़रीदेगा

लिआनीद इसाएफ़ ने कहा – ’इस्लामी राज्य’ के आतंकवादियों का सफ़ाया करने के साथ-साथ इस सवाल पर भी विचार करना बेहद ज़रूरी है कि ऐसा कैसे किया जाए कि मोसुल को आज़ाद कराने के बाद वहाँ साम्प्रदायिक या जातिवादी दंगे न हों और धार्मिक आधार पर या जातिगत आधार पर मोसुल के निवासियों की हत्याएँ नहीं की जाएँ। जब धार्मिक आधार पर और जातिगत या कबीलाई आधार पर बनी जनसेनाएँ सरकार के अधीन नहीं हों, तो ऐसा करना बेहद मुश्किल होगा।

मोसुल कहीं इराकी ’हैलाब’ या इराकी ’अलेप्पो’ न बन जाए

मोसुल को अज़ाद कराने के सवाल पर एक और समस्या भी सामने आ रही है। मोसुल में बड़ी संख्या में आज भी आम जनता रह रही है। आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ के ख़िलाफ़ सैन्य-कार्रवाई शुरू होने और मोसुल पर बमबारी किए जाने की वजह से बड़ी संख्या में आम लोगों के मारे जाने की ख़बरें मिलनी शुरू हो गई हैं।

रूसी सैन्य विशेषज्ञ व्लदीमिर येव्सेयेफ़ ने कहा – शहर पर की जा रही गहन बमबारी में आम लोग न मरें, ऐसा हो ही नहीं सकता है। अमरीका की सरकार भी इस बात को समझती है। वह कोशिश कर रही है कि मोसुल में सीरियाई महानगर अलेप्पो (हैलाप) जैसी स्थितियाँ पैदा न हों। पश्चिमी देश रूस पर यह आरोप लगा रहे हैं कि रूसी विमानों द्वारा अलेप्पो में आतंकवादी ठिकानों पर की जा रही बमबारियों में आम लोग भी मारे जा रहे हैं।

लिआनीद इसाएफ़ ने कहा – अमरीका की सरकार का कहना है कि वह यह नहीं चाहती कि मोसुल भी अलेप्पो में बदल जाए, इसलिए अमरीकी विमान मोसुल पर कम से कम बमबारी करेंगे। लेकिन उसी समय अमरीकी विमान मोसुल पर लगातार बमबारी ज़ारी रखे हुए हैं। बमबारी में आम जनता मारी जा रही है, लेकिन अगर बमबारी नहीं की जाएगी तो वे इराकी सैनिक भारी संख्या में मारे जाएँगे, जो आतंकवादियों से लड़ने के लिए मोसुल में घुसेंगे। इसी वजह से मोसुल को जीतना आसान नहीं दिखाई दे रहा है। मोसुल में ज़मीनी युद्ध करने जा रही इराकी सेना, शिया और सुन्नी जनसेनाओं और कुर्दी जनसेना के बीच आपसी ताल-मेल बैठा पाना भी आसान नहीं है।

संदर्भ

विभिन्न आकलनों के अनुसार, इराक की जनसंख्या 3 करोड़ 70 लाख से लेकर 80 लाख के बीच है, जिनमें 75 से 80 प्रतिशत लोग अरबी मूल के हैं और 15 से 20 प्रतिशत लोग कुर्दी अल्पसंख्यक हैं। कुर्दी जाति के लोग इराक के उत्तर में बसे इराकी कुर्दीस्तान में रहते हैं, जो इराक में गृह-युद्ध शुरू होने के बाद से ही बगदाद से अलग एक स्वतन्त्र इलाके के रूप में बना हुआ है। इराक में शिया मुसलमानों की संख्या 60 से 70 प्रतिशत है और वे बहुसंख्यक हैं। सुन्नी मुसलमान अल्पसंख्यक होने के बावजूद 35 से 40 प्रतिशत हैं। आतंकवादी गिरोह ’इस्लामी राज्य’ (इरा) सुन्नियों का गिरोह है और शियाओं को विधर्मी मानता है। इराक के उत्तरी इलाकों में और मोसुल में सुन्नी मुसलमानों की बहुलता है।

Читайте на 123ru.net


Новости 24/7 DirectAdvert - доход для вашего сайта



Частные объявления в Вашем городе, в Вашем регионе и в России



Smi24.net — ежеминутные новости с ежедневным архивом. Только у нас — все главные новости дня без политической цензуры. "123 Новости" — абсолютно все точки зрения, трезвая аналитика, цивилизованные споры и обсуждения без взаимных обвинений и оскорблений. Помните, что не у всех точка зрения совпадает с Вашей. Уважайте мнение других, даже если Вы отстаиваете свой взгляд и свою позицию. Smi24.net — облегчённая версия старейшего обозревателя новостей 123ru.net. Мы не навязываем Вам своё видение, мы даём Вам срез событий дня без цензуры и без купюр. Новости, какие они есть —онлайн с поминутным архивом по всем городам и регионам России, Украины, Белоруссии и Абхазии. Smi24.net — живые новости в живом эфире! Быстрый поиск от Smi24.net — это не только возможность первым узнать, но и преимущество сообщить срочные новости мгновенно на любом языке мира и быть услышанным тут же. В любую минуту Вы можете добавить свою новость - здесь.




Новости от наших партнёров в Вашем городе

Ria.city

Шольц начал обзванивать друзей Путина: Токаева пригласили на "саммит мира" в Швейцарии

Ученый объяснил, почему семьи Заворотнюк отказалась от последнего шанса на излечение

Москвичам расскажут о требованиях к размещению временных сооружений

В Красногорске до конца года реконструируют детские площадки по ряду адресов

Музыкальные новости

Почта России помогла детям-подопечным благотворительных фондов встретиться с футболистами ЦСКА

Книжные новинки, лаборатория текста и иллюстраций — ждут гостей Московского детского фестиваля искусств «НЕБО»

Путин запретил списывать пенсии детей-инвалидов при взыскании долгов

Впервые Бурятский театр оперы и балета выступит с концертом в храме Кяхты

Новости России

Движение поездов в Амурской области восстановлено по одному пути

Ученый объяснил, почему семьи Заворотнюк отказалась от последнего шанса на излечение

В Москве найден мертвым актер Дмитрий Липинский

Диетолог назвала порцию мороженого, которая не повредит здоровью

Экология в России и мире

Доктор Кутушов назвал болезни, которые поджидают отдыхающих у водоёмов

ONYX отправляется в Большой тур по России

Eurasianet: Азербайджан публично и цинично уничтожает армянское культурное и историческое наследие в Нагорном Карабахе

Стоматолог Владимир Лосев: сколько времени нужно носить брекеты

Спорт в России и мире

В России отреагировали на "скрытую баранку" и достижение Рыбакиной на Ролан Гаррос

Синнер повторил уникальное достижение Джоковича и Надаля на турнирах «Большого шлема»

Елене Рыбакиной поставили неожиданный «диагноз»

Азаренко не смогла выйти в 1/16 финала открытого чемпионата Франции по теннису

Moscow.media

Портативный ТСД корпоративного класса Saotron RT-T70

Одна ночь на Вуоксе

Завершен монтаж пролетного строения моста через Волгу на обходе Твери

POMPEYA и O! МАРГО выступят на фестивале «НЕБО»







Топ новостей на этот час

Rss.plus





СМИ24.net — правдивые новости, непрерывно 24/7 на русском языке с ежеминутным обновлением *