भारत ने रूस से टी-90 टैंकों की ख़रीद की पुष्टि की
रक्षा ख़रीद परिषद ने रूस से 464 टी-90 टैंकों की ख़रीद करने की पुष्टि कर दी है
भारत के रक्षा मन्त्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर टाइम्स ऑफ़ इण्डिया ने सूचना दी है कि रक्षा मन्त्रालय की रक्षा ख़रीद परिषद ने रूस से 464 टी-90 टैंकों की ख़रीद करने की पुष्टि कर दी है।
रक्षा ख़रीद परिषद की बैठक सोमवार को हुई। टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के अनुसार, भारत सरकार को आशा है कि टी-90 एमएस टैंकों की ख़रीद का यह अनुबन्ध 2 अरब डॉलर धनराशि के आसपास होगा। इन टैंकों की जुड़ाई रूस से मिले लायसेंस के आधार पर भारत के रक्षा उद्योग से जुड़े कारख़ानों में की जाएगी।
भारत में देश की सेना के लिए किसी भी तरह की ख़रीद करने के लिए यह ज़रूरी है कि रक्षा ख़रीद परिषद उसका अनुमोदन करे। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि परिषद उस ख़रीद की गारण्टी करती है। परन्तु रक्षा ख़रीद परिषद के अनुमोदन के बाद ही उस उपकरण या हथियार की ख़रीद के सिलसिले में सम्भावित सप्लायर से बातचीत शुरू की जा सकती है।
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रक्षामन्त्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में रक्षा ख़रीद परिषद की सोमवार को हुई बैठक में 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों, 15 हल्के युद्धक हेलीकॉप्टरों और 464 टी-90 टैंकों की खरीद को मंजूरी मिल गई है। तेजस विमानों का मूल्य क़रीब 7 अरब डॉलर के लगग होगा। अभी तक भारतीय वायुसेना के पास सिर्फ़ 2 तेजस विमान हैं। उम्मीद है कि 2018 तक भारतीय वायुसेना 20 तेजस विमानों से अपना पहला स्क्वाड्रन बना लेगी। इसके अलावा वायुसेना को मार्क-1ए क़िस्म के 83 तेजस विमान सन 2020 से 2026 के बीच मिल जाएँगे।
इसके अतिरिक्त रक्षा ख़रीद परिषद ने सेना को भारत में ही बने 598 चालक रहित विमान यानी ड्रोन और 15 हलके हैलिकाप्टर ख़रीदने की इजाज़त भी दे दी है, जिनकी क़ीमत क़रीब 12 अरब डॉलर होगी।
भारतीय सेना पहले ही रूसी टी-72 और टी-90 टैंकों का इस्तेमाल कर रही है। रूसी कम्पनी ’उराल-वगोन-ज़ावोद’ ने पहले ही समाचार समिति रिया नोवस्ती को यह जानकारी दे दी थी कि भारत को रूसी टी-90एमएस टैंक ख़रीदने में दिलचस्पी है।
टी-90एमएस टैंक रूस के आधुनिकतम टी-90 टैंक का ही निर्यात मॉडल है। इस मॉडल से सामान्य गोलों के अलावा किरचों के रूप में बिखरने वाले वे गोले भी छोड़े जा सकते हैं जो शत्रु सेना में जान-माल का बड़ा नुक़सान करते हैं।
पहली बार रिया नोवोस्ती में प्रकाशित।
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