2017 में रूस के सुदूर-पूर्व के इलाके और भारत के बीच सहयोग शुरू होगा
रूस के उपप्रधानमन्त्री और सुदूर-पूर्व में रूस के राष्ट्रपति के प्रतिनिधि यूरी त्रुत्नेफ़ सन् 2017 में रूस के सुदूर-पूर्व के इलाके और भारत के बीच आर्थिक सहयोग स्थापित करने के लिए काम शुरू करना चाहते हैं। ’तास’ समाचार समिति से बात करते हुए उन्होंने बताया कि 2017 के शरदकाल में तृतीय पूर्वी आर्थिक फ़ोरम में भारत की सहभागिता की पूर्ववेला में यह काम किया जाएगा।
उन्होंने बताया — 2017 में हम आपसी सहयोग शुरू करने के लिए सुदूर-पूर्व के रूसी व्यवसायिकों के एक दल के साथ भारत की यात्रा करेंगे।
विगत अक्तूबर में हुई शिखर-वार्ता में रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन और भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के बीच इस बात पर सहमति हो चुकी है कि भारत 2017 में तीसरे पूर्वी आर्थिक फ़ोरम में सक्रियतापूर्वक भाग लेगा।
शिखर-वार्ता की समाप्ति पर जारी की गई औपचारिक विज्ञप्ति में कहा गया था कि रूस के सुदूर-पूर्व में व्यापार के संभावित विकास की ओर ध्यान केन्द्रित करने और 2017 में तृतीय पूर्वी आर्थिक फ़ोरम में सक्रियतापूर्वक भाग लेने के भारत सरकार के फ़ैसले का रूस स्वागत करता है। रूस सुदूर-पूर्व के इलाके में बसे रूसी प्रदेशों के राज्यपालों और भारत के मुख्यमन्त्रियों का एक गोलमेज़ सम्मेलन आयोजित करेगा, जिसमें कृषि, खनन और जलपोत निर्माण क्षेत्रों की व्यासायिक और निवेश क्षमताओं पर चर्चा की जाएगी और इन क्षेत्रों में सहयोग की सम्काभावनाओं का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा।