जीवन रक्षा के तरीके : रूस में भयानक ज़ाड़े का समय कैसे गुज़ारा जाए
* सर्दियों में रूस में, सचमुच, बेहद ठण्ड पड़ती है। कम से कम रूस के यूरोपीय हिस्से में तो तापमान लगातार शून्य से दस डिग्री नीचे बना रहता है। लेकिन रूस के दूसरे हिस्सों में तापमान इससे भी कहीं बहुत ज़्यादा नीचा होता है। जैसे साइबेरिया में तापमान शून्य से 50 डिग्री नीचे तक चला जाता है। लेकिन जब रूसी लोग विदेश जाते हैं और वहाँ तापमान सिर्फ़ शून्य डिग्री तक ही पहुँचता है तो रूसी लोग ’बाप-बाप’ करने लगते हैं और उन्हें बेहद ठण्ड लगने लगती है। विदेशी लोग ऐसी स्थिति में रूसी लोगों की ’बेहद ठण्ड होने’ की शिकायत सुनकर आश्चर्य करने लगते हैं। लेकिन रूस रूस है और विदेश विदेश। रूस में सर्दियों में हमेशा ठण्ड पड़ती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि रूसी लोग ठण्ड सहने के आदी हो जाते हैं। इसीलिए रूसी लोगों को शून्य के तापमान पर भी बेहद ठण्ड का अहसास होता है।
नया साल - रूस का प्रमुख त्यौहार
* कभी-कभी रात में हिमपात शुरू होता है और वह लम्बे समय तक चलता रहता है। रूसियों के लिए ’बर्फ़ गिरना’ एक आम बात है। सिर्फ़ बर्फ़ साफ़ करने वाले विभाग के कर्मचारियों के लिए हिमपात सरदर्द बनकर आता है। लेकिन हिमपात होने का मतलब यह नहीं है कि आप अपना सारा काम-धाम छोड़कर घर में ही बैठ जाएँ। आप घर से निकलते हैं और बर्फ़ साफ़ करने वाली गाड़ियाँ सारी सड़क को घेरकर खड़ी होती हैं। आपको अपनी मंज़िल तक पहुँचने में तीन गुना ज़्यादा समय लगता है। इसलिए हमारी सलाह यह है कि अगर आपको अपनी कार से सुबह कहीं निकलना है तो अपने घर से एक-आध घण्टा पहले निकलें ताकि समय पर अपने गन्तव्य पर पहुँच जाएँ। घर से निकलने के बाद पहले तो आपको अपनी गाड़ी बर्फ़ में से निकालनी होगी और फिर चलने से पहले उसे स्टार्ट करके गरम करना होगा।
* सर्दियों में कार के अलावा जूते भी बहुत जल्दी ख़राब होते हैं। बात यह है कि हिमपात होने के बाद सड़क पर गिरी बर्फ़ हटाने के बाद फ़ुटपाथों पर फिसलन बढ़ जाती है। इस फिसलन को दूर करने के लिए फ़ुटपाथों पर तरह-तरह के रसायनों का मिश्रण डाला जाता है। लेकिन रसायनों का यह मिश्रण जूतों के लिए खतरनाक होता है। जूतों पर जगह-जगह इन रसायनों के सफ़ेद धब्बे उभर आते हैं। इन धब्बों को जूतों की पॉलिश से भी दूर करना बेहद मुश्किल होता है।
* रूस में जाड़ा जैसे अचानक शुरू होता है, वैसे ही कभी भी अचानक ख़त्म हो जाता है। कभी-कभी तो दिसम्बर में भी तापमान शून्य से कई-कई डिग्री ऊपर चला जाता है। हिमपात के बाद चारों तरफ़ बर्फ़ के माहौल में नया साल मनाने वाले रूसी लोगों के लिए दिसम्बर के जाड़े में आने वाले ये गर्म दिन बहुत बुरे होते हैं। उनका सारा मूड ख़राब हो जाता है। कहीं बर्फ़ का नामोनिशान ही नहीं है। न बच्चे अपनी स्लेजों के साथ पार्क में दिखाई देते हैं और न ही स्केटर स्कीइंग करते नज़र आते हैं। बर्फ़ के जो पुतले आम तौर पर बच्चे जगह-जगह बनाकर खड़े कर देते हैं, इन गर्म दिनों में वे पुतले भी नज़र नहीं आते। रूसी लोग बेचैन हो जाते हैं। लेकिन असली सर्दी तो अभी पड़ेगी। अभी देखते जाओ आगे क्या होगा। अप्रैल का महीना आएगा, जब ज़्यादातर देशों में वसन्तकाल शुरू हो जाएगा, रूस में भयानक ठण्ड पड़ने लगेगी। रूसी लोग भारी-भारी फ़रकोटों, मफ़लरों और टोपियों में लिपटे नज़र आएँगे। मोटर-कार रखने वाले लोगों के लिए भी यह एक भारी समस्या है। उन्हें यह नहीं पता होता कि यह जाड़ा कितना लम्बा खिंचेगा। उन्हें यह नहीं पता होता कि वे अपनी कार के टायर बदलें या नहीं। सर्दियों के न फिसलने वाले टायरों की जगह गर्मियों के टायर कारों में लगाएँ या नहीं? सचमुच बड़ा सिरदर्द है।
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* रूस में एक मज़ाक बहुत चलता है कि अगर आपका रोमांस सर्दियों में शुरू हुआ है तो आपका प्यार पक्का है। रूसी लोग कहते हैं कि कपड़ों से लदे होने के बावजूद अगर दो लोगों ने एक-दूसरे को टोपी-मफ़लर और कोट में भी पसन्द कर लिया तो आपका प्रेम सचमुच सच्चा है। लेकिन, दोस्तो, हम इस कथन की सच्चाई की पुष्टि नहीं कर सकते। हम तो बस, आपको चेतावनी ही दे सकते हैं कि रूस में ऐसा माना जाता है। हाँ, हमारी सलाह यह भी है कि प्रेम करने के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि आप कम कपड़े पहन कर घूमें।
* रूसी लोगों के लिए जाड़ा एक जादू की तरह है, जो अपने साथ नए साल का अद्भुत्त और रंग-बिरंगा त्यौहार लेकर आता है। कैथोलिक क्रिस्मस रूस में नहीं मनाया जाता। इसलिए 25 दिसम्बर का दिन एक आम दिन की तरह गुज़र जाएगा। लेकिन फिर भी दिसम्बर का सारा महीना रूस में धूम-धाम का महीना है। लोग नए साल का त्यौहार मनाने की तैयारियाँ शुरू कर चुके होते हैं। दुकानों में भारी भीड़-भाड़ होती है। लोग एक-दूसरे के लिए उपहार ख़रीदने के लिए दुकानों पर टूट पड़ते हैं। चारों तरफ़ लोग थैलों और पैकेटों से लदे भागते दिखाई पड़ते हैं। सड़कों पर जैसे मेला-सा लगा रहता है। जगह-जगह स्केटिंग रिंग बने होते हैं। सड़कों के किनारे, पार्को में, मौहल्लों में, चारों तरफ़ बड़े-बड़े फ़रवृक्ष दिखाई पड़ते हैं, जो झिलमिलाती लुप-चुप लड़ियों और खिलौनों से सजे रहते हैं। इन्हें देखकर एकदम लगता है कि नए साल का त्यौहार नज़दीक आ गया है।
* अगर आप दिसम्बर के अन्त में रूस में कोई कामकाज़ी मुलाक़ात करने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर है कि उसे जनवरी मध्य तक के लिए टाल दें। जैसे-जैसे नए साल का दिन नज़दीक आता जाता है, रूसियों का मूड भी बदलता चला जाता है। वे त्यौहार मनाने के मूड में और खाने-पीने के मूड में आ जाते हैं। उनका सारा ध्यान अपने निकट सम्बन्धियों, रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए उपहार ख़रीदने और नए साल की छुट्टियों की योजना बनाने की ओर केन्द्रित हो जाता है। जनवरी के शुरू के आठ दिन लगातार छुट्टी के दिन होते हैं। पूरे देश में आठ दिन छुट्टी रहती है। इसलिए सभी मुलाक़ातें और ज़िम्मेदारी भरे काम बाद के लिए टाल देने चाहिए।
रूस में कभी-कभी ऐसा होता है कि शरद ऋतु या वसन्त ऋतु आती ही नहीं। लेकिन सर्दियाँ हमेशा आती हैं। कभी-कभी तो अप्रैल में वसन्त की जगह भयानक जाड़ा पड़ने लगता है। इसलिए यदि आपने यह तय कर लिया है कि सर्दियों के दिन रूस में ही बिताने हैं तो इसके बाद आपको एक ऐसा अनुभव हो जाएगा, जैसा अनुभव आपको रूस के अलावा पूरी दुनिया में और कहीं नहीं हो सकता। रूस में जाड़ा बिताकर आपको एक ऐसी ख़ुशी मिलेगी, जैसी ख़ुशी जाड़े में आप कहीं और नहीं पा सकते।
भारत में रूसी बहू