Добавить новость
World News in Hindi
Новости сегодня

Новости от TheMoneytizer

भारत और रूस के बीच मतभेदों से किसे फ़ायदा होगा?

क़रीब एक दशक पहले की बात है, मेरे एक राजनयिक मित्र ने बड़े गर्व के साथ रूसी-भारतीय रिश्तों में दिखाई देने वाले बड़े राजनीतिक विश्वास का ज़िक्र किया था। उन्होंने कहा था — हमारे दो देशों के बीच आपसी रणनीतिक सहयोग में दिखाई देने वाला आपसी राजनीतिक विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है।   

लेकिन भारत के कट्टर शत्रु पाकिस्तान के इलाके में हुए पहले सँयुक्त रूसी-पाकिस्तानी सैन्याभ्यास ने काफ़ी हद तक हमारे इस विश्वास की जड़ें हिला दी हैं। विशेष रूप से जब हम इस सँयुक्त सैन्याभ्यास को जम्मू और कश्मीर नियन्त्रण रेखा पर उड़ी में भारत के सैन्य-अड्डे पर सुबह-सवेरे एकदम भोर में किए गए नृशंस आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में देखते हैं। हालाँकि रूस राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद का अकेला ऐसा सदस्य देश था, जिसने अपने वक्तव्य में विशेष रूप से इस बात का ज़िक्र किया था कि यह आतंकवादी हमला ’पाकिस्तान के इलाके से किया गया’ है, लेकिन नई दिल्ली में बैठे बहुत से लोगों ने एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में रूस की विश्वसनीयता पर शक करना शुरू कर दिया।

रूस और चीन कोरिया में अमरीकी मिसाइल रक्षा व्यवस्था का प्रतिरोध कैसे करेंगे

यही नहीं, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों और कुछ पत्र-पत्रिकाओं ने तो यह माँग भी करनी शुरू कर दी थी कि रूस न केवल पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों पर अंकुश लगाए, बल्कि उसे रूसी हथियार बेचने से इंकार करके भारत पर किए गए इस हमले की ’सज़ा’ भी दे। 

इसके बाद जब पाकिस्तान के मीडिया में इस तरह की ख़बरें छपने लगीं कि रूस ’चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, तो भारत में रूस विरोधी यह रुदन और तेज़ होता चला गया। पाकिस्तानी मीडिया ने ख़बर दी कि रूस सदियों से गर्म समुद्री बन्दरगाहों तक अपनी पहुँच बढ़ाने की कोशिश करता रहा है और अब इस्लामाबाद रूस को अपने ग्वादर बन्दरगाह का इस्तेमाल करने की छूट देने पर सहमत हो गया है। दिलचस्प बात तो यह है कि ये सभी अफ़वाहें और कथाएँ पाकिस्तान इसलिए फैला रहा था ताकि दो पुराने दोस्तों — भारत और रूस के बीच मतभेद पैदा करके उनके बीच दूरी बढ़ाई जा सके। कभी-कभी तो ये कहानियाँ पढ़कर साफ़-साफ़ ऐसा लगता है कि ये कहानियाँ पश्चिमी देशों के हथियार निर्माताओं द्वारा रची गई हैं, जो अन्तरराष्ट्रीय हथियार बाज़ार में रूस के प्रतिद्वन्द्वी हैं।

मोदी की राजनीति 

भाग्य की बात है कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार व्यावहारिक नीतियों में विश्वास रखती है। नरेन्द्र मोदी एक ऐसे देश के नेता हैं, जो विश्व महाशक्ति की भूमिका निभाने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। 

नए दोस्त बनाना बेहद मुश्किल होता है और पुराने दोस्त गवाँना बहुत आसान। अनेक उद्देश्य सामने रखकर विभिन्न स्तरों पर विदेश नीति चलाना और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए आर्थिक विकास के लिए शान्ति के सुनिश्चित मार्ग पर क़दम बढ़ाना किसी भी महाशक्ति के नेता का स्वाभाविक गुण होता है। 

युद्ध होने पर भारत रूस से कैसी सहायता चाहता है?

आतंकवाद का मुक़ाबला करने के उद्देश्य से इतिहास में पहली बार किए गए रूसी-पाकिस्तानी सैन्य-अभ्यास उनके बीच चल रही द्विपक्षीय बातचीत के अनुरूप थे। अफ़गानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी की पृष्ठभूमि में नई दिल्ली और मस्क्वा अपने द्विपक्षीय विचार-विमर्श में कई बार इस सवाल पर सहमति व्यक्त कर चुके थे कि अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामाबाद की अपनी विशिष्ट ’भूमिका’ है। सोवियत संघ के पतन के बाद आज़ाद हुए मध्य एशिया के देशों में रूसी मूल के लोग आज भी बड़ी लाखों की संख्या में रह रहे हैं। रूस इन लोगों की सुरक्षा को लेकर चिन्तित है। इसके लिए रूस विकल्पों की तलाश कर रहा है और इस्लामाबाद के साथ सहयोग को ऐसे ही एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

यह उल्लेखनीय है कि पूरे अफ़गान युद्ध के दौरान सोवियत खुफ़िया एजेंसियों और पाकिस्तान की आईएसआई के बीच सीधा सम्पर्क बना हुआ था। हालाँकि सोवियत संघ के सामने आने वाले संकटों की स्थिति में आईएसआई ने जो भूमिका निभाई, वह अब कोई रहस्य की बात नहीं रह गई है।

सूचनाओं की कमी और जानकारी का फ़र्क 

दिसम्बर 2016 में मस्क्वा में  अफ़गानिस्तान के सिलसिले में रूस, चीन और पाकिस्तान के बीच एक बैठक हुई, जिसमें तालिबान के साथ रूस के रिश्तों पर बात की गई। इस बैठक को भी सिर्फ़ इसी परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए, न कि उसे कोई भारत विरोधी कार्रवाई माना जाना चाहिए।

रूस के असली इरादों के बारे में दी जाने वाली जानकारी में जो फ़र्क दिखाई देता है या कभी-कभी रूस की कार्रवाइयों की जो ग़लत व्याख्या की जाती है, उसके लिए काफ़ी हद तक पश्चिमी और पाकिस्तानी प्रचार तन्त्र ज़िम्मेदार है, जो जानबूझकर भारत की जनता को बरगलाने के लिए ग़लत ढंग से जानकारियाँ देता है।

भारत ने रूस से ’कलीबर’ क्रूज मिसाइल माँगे

रूसी मीडिया में रूसी-पाकिस्तानी रिश्तों के बारे में और उनसे जुड़े मुद्दों के बारे में जो-कुछ भी लिखा जा रहा है, भारत का मीडिया उस पर कोई ध्यान नहीं देता। कभी-कभी तो सामान्य ज्ञान में कमी होने के कारण ग़लत अनुमान भी लगा लिए जाते हैं। उदाहरण के लिए, हाल ही में एक प्रतिष्ठित भारतीय दैनिक समाचारपत्र ने रूस की वामपन्थी वेबसाइट ’प्राव्दा डॉट रु’ को रूस का सरकारी मुखपत्र बताया था। उसे यह भी पता नहीं है कि एक चौथाई सदी पहले ही सोवियत संघ के पतन के बाद सरकारी मुखपत्र के रूप में ’प्राव्दा’ का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। 

रूस का नज़रिया और चीन

रूसी भाषा में प्रकाशित होने वाले मीडिया के आधार पर कहें तो रूस को पाकिस्तान समर्थक सक्रिय नीति चीन की वजह से चलानी पड़ रही है। स्थानीय मीडिया में इसे मध्य एशिया के सवाल पर ’चीन के शरारती गतिविधियाँ’ कहा जाता है। 

क्रेमलिन समर्थक रूसी अख़बार ’इज़्वेस्तिया’ ने मार्च-2016 में लिखा था — पेइचिंग के संरक्षण में ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान द्वारा बनाए गए राजनैतिक गठबन्धन से मस्क्वा स्तब्ध रह गया। इसके तुरन्त बाद मार्च महीने के शुरू में दुशाम्बे में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल रहील शरीफ़, चीनी सेनाध्यक्ष जनरल फ़ाँग फ़ेंग हुई और ताजिकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल शेराली मिर्ज़ो की बैठक हुई। इस बैठक के बाद 5 मार्च को जनरल फ़ाँग काबुल पहुँचे ताकि चीन, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा सन्धि का विवरण तैयार किया जा सके।  

16 मार्च 2016 को समाचारपत्र ’इज़्वेस्तिया’ ने सूचना दी थी कि अफ़ग़ानिस्तान में रूस के राजदूत ज़मीर काबुलफ़ ने चीनी राजदूत के सामने इस मुद्दे को बड़ी तत्परता से उठाया है।

मस्क्वा स्थित आधुनिक अफ़ग़ान शोध केन्द्र के एक विशेषज्ञ अन्द्रेय सिरेन्का ने कहा कि रूस के लिए यह कोई अच्छी बात नहीं है कि पेइचिंग रूस को साथ लिए बिना ही क्षेत्रीय सुरक्षा प्रणाली का निर्माण कर रहा है। इसलिए हम साफ़-साफ़ कह सकते हैं कि इस इलाके में रूस द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयाँ उसके व्यापक राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही की जाती हैं। रूस भारत के साथ अपने बहुआयामी रिश्तों को नुक़सान पहुँचाने के लिए ऐसा नहीं करता है।

1 दिसम्बर 2016 को रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन ने क्रेमलिन की विदेश नीति की नई अवधारणा पर हस्ताक्षर किए हैं, जो विशेष महत्व रखती है। रूस की विदेश नीति की इस नई अवधारणा में साफ़-साफ़ यह बात कही गई है कि भारत रूस का ’विशेष अधिकार प्राप्त रणनीतिक सहयोगी है, जिसके साथ रूस के रिश्ते उनकी ऐतिहासिक दोस्ती और गहरे पारस्परिक विश्वास पर आधारित हैं।’

लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं।

रूस और भारत आर्थिक सहयोग तेज़ी से बढ़ाएँगे

Читайте на 123ru.net


Новости 24/7 DirectAdvert - доход для вашего сайта



Частные объявления в Вашем городе, в Вашем регионе и в России



Smi24.net — ежеминутные новости с ежедневным архивом. Только у нас — все главные новости дня без политической цензуры. "123 Новости" — абсолютно все точки зрения, трезвая аналитика, цивилизованные споры и обсуждения без взаимных обвинений и оскорблений. Помните, что не у всех точка зрения совпадает с Вашей. Уважайте мнение других, даже если Вы отстаиваете свой взгляд и свою позицию. Smi24.net — облегчённая версия старейшего обозревателя новостей 123ru.net. Мы не навязываем Вам своё видение, мы даём Вам срез событий дня без цензуры и без купюр. Новости, какие они есть —онлайн с поминутным архивом по всем городам и регионам России, Украины, Белоруссии и Абхазии. Smi24.net — живые новости в живом эфире! Быстрый поиск от Smi24.net — это не только возможность первым узнать, но и преимущество сообщить срочные новости мгновенно на любом языке мира и быть услышанным тут же. В любую минуту Вы можете добавить свою новость - здесь.




Новости от наших партнёров в Вашем городе

Ria.city

Киркоров купил коллекцию работ уральской художницы Дарьи Санатиной

ФАС согласовала цены на российский препарат для лечения сахарного диабета «Ликринта»

И снова рекорды: завершился второй финальный день игр «Дети Азии» по легкой атлетике

Передвижные лаборатории проверили воздух в Сергиевом Посаде по просьбе жителей

Музыкальные новости

В Москве прошла дружеская встреча представителей отраслевых ассоциаций и бизнес-сообществ

У ковчега собственная гордость // Как Сергей Кириенко и Дмитрий Чернышенко отметили День молодежи

Телеканал ТНТ и Good Story Media приступили к съемкам нового сериала «Кукушкин» с Данилой Рассомахиным, Дарьей Руденок и Александром Якиным

Бастрыкин разберётся: молодой челябинец скончался в больнице

Новости России

Компания «ЯРКО» провела серию мастер-классов в рамках образовательного проекта Московского дворца пионеров

В Чехове полицейские задержали подозреваемых в краже 2 млн рублей

Капсулы для сна установили на вокзале в Челябинске

Мишка – шпион (воспоминания о будущем)

Экология в России и мире

Пот ручьём: когда стоит обращать внимание на повышенную потливость, рассказал доктор Кутушов

Отдыхающий в Кисловодске понял, почему там не любят москвичей, назвав 5 причин для недовольства столичными туристами

За запрет туризма ответите: в Москве несостоявшийся турист разбил камнем посольство Норвегии в знак протеста против закрытой границы

«Фанагория» выступила партнером юбилейного семинара директоров литературных музеев

Спорт в России и мире

Касаткина и Шнайдер завоевали по трофею, Швейцария выбила Италию на Евро. Главное к вечеру

Медведев остался на пятом месте в рейтинге ATP перед стартом Уимблдона

Шарапова встретилась с 17-летней Андреевой перед стартом Уимблдона

Лучшая теннисистка России повторила достижение Рыбакиной

Moscow.media

Беспроводной сканер штрих-кодов SAOTRON P05i промышленного класса

Усадьба князей Куракиных

Над российской территорией за ночь сбиты 36 беспилотников

Готовность пермского участка трассы Дюртюли – Ачит превысила 50%







Топ новостей на этот час

Rss.plus





СМИ24.net — правдивые новости, непрерывно 24/7 на русском языке с ежеминутным обновлением *