आज शंसस के विदेशमन्त्रियों की अस्ताना में बैठक
आज कज़ाख़स्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (शंसस) के सदस्य देशों के विदेशमन्त्रियों की बैठक हो रही है। इस बैठक में भाग लेने वाले रूस के प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व रूस के विदेशमन्त्री सिर्गेय लवरोफ़ कर रहे हैं। यह बैठक आगामी जून में अस्ताना में होने जा रहे शंसस के शिखर-सम्मेलन की तैयारियों का अन्तिम दौर है। रूसी समाचार समिति रिया नोवोस्ती ने यह जानकारी दी है।
शंसस के सदस्य देशों के विदेशमन्त्री उन दस्तावेज़ों और विषयों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं, जो शंसस के नेताओं के शिखर सम्मेलन में पेश किए जाएँगे।
इसके अलावा इस बैठक में अस्ताना घोषणापत्र के मसौदे का भी अनुमोदन किया जाएगा, जिसमें महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समस्याओं पर और शंसस की एकजुटता से जुड़े सवालों पर चर्चा की गई है। इस बैठक में सन् 2022 तक के लिए मादक पदार्थ रोधी रणनीति और उस पर अमल का कार्यक्रम भी तैयार किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त शंसस में भारत और पाकिस्तान को स्वीकार करने की प्रक्रिया को पूरा करने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
15 जून 2001 को शंघाई में शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना के बारे में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। अभी तक रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़िस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शंसस के पूर्ण सदस्य हैं। मंगोलिया, भारत, ईरान, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बेलारूस को शंसस में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। सितम्बर 2014 में, पाकिस्तान और भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था। श्रीलंका, तुर्की, अज़रबैजान, अरमेनिया, नेपाल और कम्बोडिया को शंसस में ’वार्ता सहयोगी’ के स्तर पर शामिल है।