रोसनेफ़्त कम्पनी 2017 में भारत को 20 लाख टन तेल भेजेगी
23 जनवरी को रूस की प्रमुख तेल कम्पनी ’रोसनेफ़्त’ के मुख्य कार्यकारी निदेशक ईगर सेचिन ने रूस के राष्ट्रपति को सूचित किया कि इस साल उनकी कम्पनी भारत को 20 लाख टन कच्चे तेल की आपूर्ति करने की योजना बना रही है।
ईगर सेचिन ने व्लदीमिर पूतिन को बताया – इस साल हम 20 लाख टन से भारत को सप्लाई शुरू करके भविष्य में 2 करोड़ टन तक पहुँचना चाहते हैं। एस्सार के वदीनार तेल शोधन कारख़ाने की वार्षिक तेल शोधन क्षमता भी इतनी ही है। वदीनार तेल शोधन कारख़ाना अब रोसनेफ़्त से जुड़ जाएगा।
ब्रह्मोस बना रहा है हायपरसोनिक शटल मिसाइल
अक्तूबर-2016 में गोवा में रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन और भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई शिखर-बैठक के बाद रोसनेफ़्त कम्पनी ने एस्सार ऑयल लिमिटेड के साथ एक अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अनुसार एस्सार ऑयल की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रोसनेफ़्त को मिल जाएगी।
एस्सार ऑयल के बाक़ी 49 प्रतिशत शेयर भी निवेशकों के एक समूह ने ख़रीद लिए हैं, जिसमें यूरोपीय कम्पनी त्राफ़िगुरा 49 प्रतिशत की हिस्सेदार होगी तथा रूसी व्यवसायी इल्या शिर्बाविच की यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स ग्रुप भी 49 प्रतिशत की हिस्सेदार होगी और शेष 2 प्रतिशत शेयर एस्सार के होंगे।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की दृष्टि से देखें तो 12.9 अरब डॉलर का यह निवेश अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। भारत फ़ारस की खाड़ी के देशों पर अपनी ऊर्जा निर्भरता को कम करना चाहता है। इस उद्देश्य से भारत ने रूसी कम्पनी गाज़प्रोम के साथ भी तरल प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के एक बड़े अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किए हैं।
रूस विदेशियों को अपने तेल भण्डार क्यों बेच रहा है?