भारत ने रूस से 60 अरब रुपए के तत्काल-आपूर्ति रक्षा सौदे किए
6 फ़रवरी को टाइम्स ऑफ़ इण्डिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले 2-3 महीनों में रूस के साथ करीब 6 हज़ार करोड़ रुपए के तत्काल-आपूर्ति रक्षा सौदे किए हैं। जम्मू-कश्मीर में पिछले साल सितम्बर में हुए उड़ी आतंकी हमले के बाद भारत की सरकार ने रूस, इजरायल और फ्राँस के साथ कुल मिलाकर 2 खरब रुपए के सौदे किए हैं।
भारत ने रूसी कम्पनियों के साथ 58 अरब रुपए के 10 करारों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत रूस से टी-90एस तथा टी-72 टैंक के लिए 125 मिलीमीटर के गतिक ऊर्जा कवच भेदक बम, टैंकरो्धी निर्देशित मिसाइल और स्मेर्च रॉकेट व अन्य प्रकार का गोला-बारूद ख़रीद रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन सौदों के तहत भारत रूस से वायुसेना के अपने सुखोई-30 और मिग-29 लड़ाकू विमानों के लिए और आईएल-76 और आईएल-78 नामक सैन्य परिवहन विमानों के लिए भी बड़ी मात्रा में अतिरिक्त कल-पुर्जे ख़रीद रहा है।
रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन सौदों का मुख्य मकसद यह है कि भारतीय सेनाएँ हथियारों और गोला-बारूद की चिन्ता किए बिना कम से कम 10 दिन तक मोर्चे पर डटी रहें। भारत सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि परोक्ष या अपरोक्ष रूप से थोपे गए युद्ध के लिए सेना के पास किसी भी साजो-सामान की कोई कमी न रहे।
एस-400 की ख़रीद करके भारत की हवाई प्रतिरक्षा क्षमता काफ़ी बढ़ जाएगा