रूस ने टी-90एस टैंकों के उत्पादन का भारत का लायसेंस बढ़ाया
रूस ने भारत का टी-90एस टैंकों के उत्पादन का लायसेंस आगे बढ़ा दिया है। रूस के सैन्य-तकनीकी सहयोग प्राधिकरण के उपनिदेशक व्लदीमिर द्रझोफ़ ने समाचार समिति रिया नोवस्ती को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा — रूस ने भारत में टैंकों का उत्पादन करने के लिए भारत को दिए गए लायसेंस की अवधि बढ़ा दी है। अब हमारे भारतीय सहयोगी आगे भी टी-90 टैंकों का उत्पादन कर सकते हैं। इस सिलसिले में हम भारत द्वारा की जाने वाली किसी भी पूछताछ का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
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इससे पहले टाइम्स ऑफ़ इण्डिया ने भारत के रक्षा मन्त्रालय के हवाले से ख़बर दी थी कि रक्षा ख़रीद परिषद ने रूस से 464 और टी-90एस टैंक ख़रीदने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है।
द्रझोफ़ ने कहा — अभी हम यह नहीं बता सकते हैं कि भारत को इन टैंकों की आपूर्ति किस रूप में की जाएगी। भारत को तैयार टैंक भेजे जाएँगे या उन टैंकों के कल-पुर्जों की किट भेजी जाएगी, जिनकी जुड़ाई भारत में की जाएगी या टैंक के कुछ हिस्सों का उत्पादन भी भारत में ही किया जाएगा।
रूस और भारत के बीच टी-90एस टैंक की ख़रीद-फ़रोख्त का पहला अनुबन्ध 2001 में हुआ था। उस अनुबन्ध के तहत “उरालवगोनज़वोद” नामक रूसी कम्पनी ने भारत को 124 तैयार टैंक भेजे थे और 186 टैंक बनाने के लिए टैंकों के कल-पुर्जों के किट भेजे थे।
रिया नोवोस्ती के अनुसार 2006 में रूस ने भारत से 1000 टी-90एस टैंकों की सप्लाई करने के एक और अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें से रूस ने 470 तैयार टैंकों का भारत को निर्यात किया था तथा बाक़ी टैंकों की जुड़ाई रूस से कल-पुर्जे मंगाकर भारत में ही की गई थी।
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