रूस में कथक नृत्य कितना लोकप्रिय है?
विगत 2 मार्च को मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत के अध्येता संगठन ’नृत्य सभा फाउण्डेशन’ के साथ मिलकर कथक नृत्य समारोह का आयोजन किया, जिसमें एक साथ कई नर्तकों और कथक नृत्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया। समारोह में दर्शकों को भारत में कथक के इतिहास और उसके विकास की जानकारी भी दी गई। इस तरह मास्को के दर्शकों ने भारतीय संस्कृति का एक बार फिर विस्तार से परिचय पाया।
कथक के नर्तकों की वेषभूषा बहुत साधारण होती है। लेकिन यह नृत्य सीखना बहुत मुश्किल है, इसलिए रूस में कथक अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की तुलना में बहुत ज़्यादा लोकप्रिय नहीं हुआ।
लेकिन इसके बावजूद भी रूस में बड़ी संख्या में लोग कथक नृत्य की तरफ़ आकर्षित हुए हैं। वे न केवल कथक नाचना सीखते हैं, बल्कि अक्सर दर्शकों के लिए कथक नृत्य के प्रदर्शन भी आयोजित किए जाते हैं। अश्वनी निगम मास्को में जवाहर लाल नेहरू सांस्कृतिक केन्द्र में कथक सिखाते हैं। उनके पास नृत्य सीखने आने वाली रूसी लड़कियों की संख्या बहुत ज़्यादा है। उनकी हर कक्षा में 15 से 20 तक छात्राएँ होती हैं।
ततियाना नज़ारवा नृत्य सभा की निदेशक और कथक नर्तकी हैं। उनका मानना है कि कथक, सचमुच, भरतनाट्यम की तरह लोकप्रिय नहीं है। लेकिन उनका कहना है कि रूस में ’कथक कार्यशालाओं’ का आयोजन करके और कथक नृत्य के ज़्यादा से ज़्यादा प्रदर्शनों का आयोजन करके कथक नृत्य को भी लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
रूस में भारत के शास्त्रीय नृत्य क्यों लोकप्रिय हैं?