स्तालिन का अपना निजी टोनहा या जादूगर
वोल्फ़ मेस्सिंग (1899-1974) का व्यक्तित्व बेहद रहस्यपूर्ण था। वे जादूगर थे, लोगों पर अपना वशीकरण चलाकर उन्हें बस में कर लेते थे, टोने-टोटके करने वाले टोनहा थे और लोगों को सम्मोहित (हिप्नोटाइज) करना जानते थे। हिटलर भी वोल्फ़ मेस्सिंग से डरता था। स्तालिन और बेरिया मेस्सिंग के बातें बड़े ध्यान से सुना करते थे। लेकिन कोई नहीं जानता कि सच्चाई क्या है। जब भी मेस्सिंग की बात चलती है तो जनता के बीच प्रचलित उनकी कहानियों से उन्हें अलग नहीं किया जा सकता है।
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