सान फ़्राँसिस्को वाले साहब (1915)
एक अज्ञात अमीर सज्जन ’अटलाण्टिस’ जलपोत पर सवार होकर इटली की यात्रा पर पहुँचते हैं, लेकिन अचानक कैपरी द्वीप पर पहुँचकर उनका देहान्त हो जाता है। उनका मृत शरीर जहाज़ पर सवार सभी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। उनके परिवार को भी यह नहीं मालूम कि उनके शव का क्या किया जाए। अमरीका वापिस लौटते हुए उनका शरीर प्रथम श्रेणी के केबिन में नहीं, बल्कि जलपोत के तल में उस जगह पर पड़ा रहता है, जहाँ जहाज़ की बड़ी-बड़ी और भारी मशीनें काम करती हैं।
इवान बूनिन के... Читать дальше...