योगी आदित्यनाथ ने पूतिन के उस कथन का हवाला दिया, जो पूतिन ने कभी नहीं कहा
भारतीय पत्र-पत्रिकाओं के अनुसार, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में चुनाव-प्रचार के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन के किसी इस्लाम-विरोधी भाषण का हवाला दिया था। लेकिन रूस के राष्ट्रपति ने कभी इस तरह का कोई भाषण नहीं दिया।
19 मार्च को भारतीय समाचारपत्र 'इण्डियन एक्सप्रेस' ने योगी आदित्यनाथ के उस भाषण का हवाला दिया है, जो उन्होंने इसी साल के शुरू में एक चुनाव रैली में दिया था। अपने भाषण में उन्होंने कहा था — अमरीका में ट्रम्प की जीत ने राजनीति को एक नई दिशा दिखाई है, उसे एक नया मोड़ दिया है। आप उन फ़ैसलों को देख सकते हैं, जो उन्होंने आज तक लिए हैं। उन्होंने नरेन्द्र मोदी नाम एक राजनीतिक प्रतीक के तौर पर लिया। 2013 में पूतिन से पूछा गया था कि क्या मुसलमानों को कोई विशेष अधिकार दिए जाने चाहिए। तब रूसी संसद में इस सवाल पर विचार किया जा रहा था... पूतिन बोलने के लिए खड़े हुए और उन्होंने कहा कि रूस किसी को भी सिर्फ़ इसलिए विशेष अधिकार नहीं दे सकता है कि वे अल्पसंख्यक हैं। जो रूस में रहता है, उसे रूसी कानूनों का पालन करना होगा। और जो रूसी कानूनों का पालन नहीं करना चाहता है, उसे वहाँ चले जाना चाहिए जहाँ शरियत कानून लागू हैं। क्या काँग्रेस, सपा, बसपा, रालोद इस तरह का साहस दिखाने की कोशिश कर सकते हैं? ये सभी दल ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि उन्होंने मुसलमानों को अपना वोट बैंक बना लिया है।
पूतिन के नाम से कही गई यह बात एक झूठ थी, एक धोखा थी, जिसको सोशल मीडिया में भी ख़ूब उछाला गया। 2012 में रूस की संघीय प्रवासन सेवा के अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए रूस के राष्ट्रपति ने कहा था — कुल मिलाकर आप्रवासी श्रमिकों को रूसी समाज में रहने और काम करने के लिए रूसी समाज के अनुकूल बनाना एक अलग और बड़ा सवाल है। आप्रवासियों के लिए हमें ऐसी स्थितियाँ बनानी चाहिए कि वे हमारे समाज के साथ घुल-मिल सकें। उन्हें रूसी भाषा सीखनी चाहिए।निश्चय ही उन्हें हमारी संस्कृति और हमारी परम्पराओं का सम्मान करना चाहिए और हमारे कानूनों को भी मानना चाहिए। इस सिलसिले में मुझे लगता है कि उन्हें रूसी भाषा सिखाने का फ़ैसला अनिवार्य रूप से लागू होना चाहिए और रूसी भाषा के उनके ज्ञान की परीक्षा भी ली जानी चाहिए। ऐसा करने के लिए हमें अपने कानूनों में ज़रूरी बदलाव करने होंगे और उन्हें रूसी भाषा सिखाने का भी प्रबन्ध करना होगा।
अपने उस भाषण में रूस के राष्ट्रपति ने इस्लाम और शरिया की कोई चर्चा नहीं की थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए हुए प्रादेशिक चुनावों में भारी विजय प्राप्त करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने 44 वर्षीय योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमन्त्री नियुक्त किया है। योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है और वे 1998 के बाद से पाँच बार भारत की संसद के सदस्य चुने जा चुके हैं।
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